व्यूरो
भोपाल: एमपी में एक युवा महिला आईएएस अधिकारी (mp young woman officer controversy update) ने अपने सीनियर पर घर लौटने के लिए वाहन नहीं उपलब्ध करवाने का आरोप लगाया है। साथ ही सीनियर अधिकारी पर दुर्व्यवहार का आरोप भी लगाया है। महिला आईएएस ने एक अधिकारियों के बंद व्हाट्सएप ग्रुप के भीतर अपनी पीड़ा व्यक्त की है, जो लीक हो गई है। इसके बाद आरोप लगाने वाली महिला आईएएस अधिकारी ने चुप्पी साध ली है। यह आरोप सीएमओ में तैनात सीनियर आईएएस अधिकारी के ऊपर लगा है।
महिला अधिकारी ने व्हाट्सएप ग्रुप में लिखा कि यह पहली बार है, जब मैं साझा करने के लिए इस समूह का उपयोग कर रही हूं। अगर मैं इसे अभी साझा नहीं करती और चुप रहती तो मुझे एक महिला, एक इंसान और एक आईएएस अधिकारी होने पर शर्म आती। चूंकि यह समूह महिला आईएएस अधिकारियों का है, वे मेरा बेहतर मार्गदर्शन कर सकती हैं और इससे उबरने में मेरी मदद कर सकती हैं।
महिला आईएएस अधिकारियों का समर्थन प्राप्त हुआ है। कुछ ने ग्रुप में ही टिप्पणी की थी। वहीं, हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने महिला अधिकारी से बार-बार संपर्क करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो पाई है। वहीं, जिस सीनियर अफसर पर महिला आईएएस ने दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है, उन्होंने सारे आरोपों से इनकार कर दिया है।
दरअसल, महिला अधिकारी ने ग्रुप में लिखा है कि वह चार जुलाई को छुट्टी पर थी। सात जुलाई को सामान्य प्रशासन विभाग के उपसचिव का फोन आया कि उसे राजस्व विभाग में तैनात कर दिया गया है। अगले दिन वह अपने पिछले कार्यालय में गई, जहां से उसे तुरंत राहत पत्र सौंप दिया गया। महिला अधिकारी नए दफ्तर में ज्वाइन करने पहुंची। इसके साथ ही पुराने विभाग का वाहन वापस कर दिया।
महिला अधिकारी ने आरोप लगाया है कि वह जब नए विभाग में पहुंची तो सीनियर ने कहा कि तुम हमारे कमरे में प्रवेश नहीं कर सकती हो। उन्होंने कहा कि उसके पास मुझे देने के लिए कोई काम नहीं है। साथ ही उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अब मैं तुम्हें देखूंगा इसलिए मैंने तुम्हें अपने अधीन कर लिया है। महिला अधिकारी ने जब उनसे पूछा कि क्या हुआ तो उसने कोई जवाब नहीं दिया। इस पर महिला अधिकारी ने अपने सीनियर से कहा कि क्या मैं सबमिशन कर सकती हूं, जवाब में उन्होंने कहा कि मुझे बोलने का कोई अधिकार नहीं है। इसके बाद महिला अफसर ने घर जाने के लिए उनसे वाहन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
महिला अफसर ने उनसे कहा भी कि मैं पूर्व विभाग की गाड़ी से यहां तक आई थी, जिसे मैंने वापस कर दिया। आरोपों के अनुसार वरिष्ठ अधिकारी ने कथित रूप से महिला अधिकारी को कहा कि आप नीचले कर्मियों की तरह घर वापस जा सकती हैं। साथ ही उन्होंने अपने पीए को फोन कर उनके सामाने कटाक्ष वाले लहजे में बात की है और केबिन से बाहर निकालने के लिए कहा।
महिाल आईएएस अधिकारी ने आरोप लगाया है कि विभाग के दूसरे अफसर ने जब मेरे लिए गाड़ी की व्यवस्था करने की कोशिश की तो उन्हें ऐसा करने से रोक दिया गया। युवा आईएएस अधिकारी ने कहा कि उनके पास घर लौटने के लिए पिछले विभाग के वाहन के सिवा कोई और विकल्प नहीं था। उन्होंने उस ग्रुप में पूछा है कि क्या मुझे अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में चुप रहना चाहिए। महिला अधिकारी ने पूछा है कि उन्होंने मेरी बात सुनना क्यों उचित नहीं समझा।
महिला अधिकारी ने कुछ सवाल भी व्हाट्सएप ग्रुप में किए हैं। उन्होंने पूछा है कि जब उस विभाग में कोई काम नहीं था तो मुझे वहां क्यों ले जाया गया। उन्होंने क्या मुझे परेशान करने के लिए अपने अधीन बुलाया है। क्या यह स्वीकार्य है। क्या वह मुझे बर्बाद नहीं कर रहा है? महिला अधिकारी ने कहा कि विभाग में सीनियर अफसर की वजह से किसी ने मुझे नहीं नोटिस किया। साथ ही मेरे संदेशों का जवाब नहीं मिला और घर से भी कोई लेने नहीं आया। आरोपों के अनुसार महिला अधिकारी को वल्लभ भवन के सुरक्षा गार्ड घर तक छोड़ने गए थे।
सूत्रों के अनुसार आरोप लगाने वाली युवा अफसर को महिला अधिकारियों का समर्थन मिला है। एक वरिष्ठ महिला अधिकारी ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। उनका व्हाट्सएप चैट भी लीक हो गया है। उन्होंने लिखा है कि मैंने आपकी कहानी पढ़ी है। यह दुखद था कि आपके साथ कितना अन्याय किया गया है। स्पष्टवादी होने के लिए बधाई। मैं आपके साहस का सम्मान करती हूं। आईएएस में 39 साल की सेवा में मेरे साथ ऐसी चीजें हुई हैं। मुझे लगता है कि आखिरकार सच्चाई का सामना करना पड़ता है। हर जगह अच्छे और बुरे लोग होते हैं। अच्छी लड़ाई लड़ाई लड़ें और पोषण करेंगे। मैंने न तो आपको सुना है और न ही देखा है लेकिन मैं आपके साथ हूं। इससे पहले 2014 बैच के एक आईएएस अधिकारी को एमपी आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन के ग्रुप से इसलिए रिमूव कर दिया गया था कि ग्रुप में उन्होंने अपनी पीड़ा साझा किया था।